Kulgeet
कुलगीत
हम सबके प्राणों का प्यारा, यह विद्यालय है |
जीवन का साथी ध्रुवतारा, यह विद्यालय है ||
हरिश्चंद्र का तप है पावन,
यह उनका कीर्ति-निकेतन |
माँ हिंदी का सबल सहारा, यह विद्यालय है ||
सदाचार, संयम, अनुशाषन,
देश प्रेम का व्रती चिरंतन,
सभी भांति औरों से न्यारा, यह विद्यालय है ||
भारतेन्दु की ज्योति अमर है,
यह अक्षर है, अविनश्वर है,
सुन्दर शिव संकल्प सँवारा, यह विद्यालय है ||
हम सबका बस यही ध्येय हो,
प्रिय प्रवाह इसका अजेय हो,
सुखद ज्ञान गंगा की धारा, यह विद्यालय है ||
यहाँ रहें या और कहीं हम,
इसका स्नेह नहीं होगा कम,
हम इसके हैं और हमारा, यह विद्यालय है ||
स्व. कांतानाथ पांडेय "राजहंस"
(भूतपूर्व प्राचार्य द्वारा रचित)